प्रिय पाठकों, " दो लम्हे " मेरे द्वारा लिखी गई पहली प्रेम कहानी है।केसी लगी समीक्षा जरूर दे... प्रिय पाठकों, " दो लम्हे " मेरे द्वारा लिखी गई पहली प्रेम कहानी है।केसी...
राम के सजल नेत्र सुशीला के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हुए अविरल बह रहे थे। राम के सजल नेत्र सुशीला के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हुए अविरल बह रहे थे।
जहाँ तुम्हारे पापा चाहे वहाँ शादी कर लो शीनू मज़हब मोहब्बत से महंगा है, हम दुआ करेंगे अगले जन्म में... जहाँ तुम्हारे पापा चाहे वहाँ शादी कर लो शीनू मज़हब मोहब्बत से महंगा है, हम दुआ ...
महाराज अब आप विश्राम करें और किसी वस्तु की आवश्यकता हो तो कृपया बताएं।। महाराज अब आप विश्राम करें और किसी वस्तु की आवश्यकता हो तो कृपया बताएं।।
शायद इसमे हमारे समाज की ये सोच है कि बेटा ही माँ बाप के बुढ़ापे की लाठी होता है। शायद इसमे हमारे समाज की ये सोच है कि बेटा ही माँ बाप के बुढ़ापे की लाठी होता है।
बच्चों की प्रतिभा का गला न घोंटने की शिश्रा देती एवं पिता के स्नेह को दर्शाती भावपूर्ण कहानी। बच्चों की प्रतिभा का गला न घोंटने की शिश्रा देती एवं पिता के स्नेह को दर्शाती भ...